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Friday, November 25, 2011

रिश्वतखोर-महिला पर्यवेक्षक तथा-सहायक अभियंता रंगे हाथ गिरफ्तार

महिला पर्यवेक्षक रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार
ओबरी। पोषाहार के बिल की राशि का भुगतान करने की एवज में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से रिश्वत लेते महिला पर्यवेक्षक को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के दल ने सोमवार को यहां सामुदायिक सभा भवन में रंगे हाथों गिरफ्तार किया। ब्यूरो के निरीक्षक बृजेन्द्रसिंह भाटी ने बताया कि आंगनवाड़ी केंद्र पाडलिया की कार्यकर्ता माया रोत ने ब्यूरो में शिकायत की थी। 
इसमें बताया कि 11 नवम्बर को हरिजन बस्ती ओबरी में कार्यकर्ताओं की बैठक हुई थी। इसमें महिला पर्यवेक्षक मीरा सिंधी ने प्रार्थिया को तीन माह के पोषाहार का बिल पास होने की जानकारी दी। साथ ही डेढ़ हजार रूपए प्रतिमाह के हिसाब से तीन महीने के साढ़े चार हजार रूपए की मांग की। शिकायत पर ब्यूरो ने सत्यापन कराया तथा सोमवार को ओबरी में सेक्टर क्षेत्र की कार्यकर्ताओं व आशा सहयोगिनी की बैठक के दौरान टे्रप की योजना बनाई। 
बैठक के बाद पर्यवेक्षक ने प्रार्थिया से राशि के बारे में पूछा तथा सभा भवन से बाहर बुलाया। बाहर माया ने रंग लगे नोट पर्यवेक्षक को थमा दिए, जिसे उसने पर्स में रख लिए। इस बीच एसीबी का दल सरकारी गवाहों के साथ वहां पहुंच गया तथा पर्यवेक्षक को रंगें हाथों धर लिया। भाटी ने बताया कि महिला पर्यवेक्षक के खिलाफ प्रकरण दर्जकर उसे गिरफ्तार कर लिया है। मामले की छानबीन चल रही है। कर्रवाई के दौरान हैड कास्टेबल रतनसिंह, गजानन्द, वीर विक्रमसिंह, नारायणलाल आदि शामिल थे 
Source : राजस्थानपत्रिका.कॉम, 22.11.2011

रिश्वत लेते पीडब्लूडी का एई गिरफ्तार
देहरादून। विजिलेंस टीम ने पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता (राजपत्रित अधिकारी) को टिहरी स्थित उसके घर से पचास हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। आरोपी के घर से नगद 9 लाख रुपये भी बरामद हुए हैं। साथ ही उसके छह बैंक खातों में लगभग दस लाख रुपये जमा हैं। इसके अलावा आरोपी ने चार माह पूर्व ही 40 लाख रुपये में सहस्त्रधारा क्षेत्र में प्लाट खरीदा था। महानिदेशक सतर्कता सत्व्रत ने विजिलेंस टीम के लिए दस हजार रुपये के इनाम की घोषणा की है। मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी ने भी टीम को बधाई दी है।
पत्रकारों से बातचीत में विजिलेंस एसपी बीके जुयाल ने बताया कि बीते दिनों ठेकेदार भूपेंद्र सिंह रावत ने शिकायत की थी कि टिहरी के कुटठा रोड पर किए गए कार्य के भुगतान के लिए सहायक अभियंता प्रवीन कुमार कंडवाल ने 3 लाख 80 हजार रुपये रिश्वत की मांग की है। एडवांस में उसने 50000 रुपये घर लेकर आने की बात कही है। मामले की जांच में आरोप सही पाए गए। 
शासन से अनुमति लेने के बाद विजिलेंस ने जाल बिछाया। बृहस्पतिवार तड़के शिकायतकर्ता को 50000 रुपये के साथ सहायक अभियंता के टिहरी स्थित निवास (डी 6 एई) पर भेजा गया। जैसे ही सहायक अभियंता ने रिश्वत की राशि पकड़ी विजिलेंस टीम ने उसे दबोच लिया। आरोपी मूल रूप से हरिद्वार का रहने वाला है। विजिलेंस टीम देर शाम आरोपी के साथ सहस्त्रधारा स्थित उसके प्लाट की शिनाख्त के लिए भी मौके पर पहुंची। 

आठ साल की नौकरी में 60 लाख की काली कमाई
घूस लेने के आरोप में पकड़े गए सहायक अभियंता ने महज आठ साल में 60 लाख रुपये से अधिक की नगदी बटोरी है। वर्ष 2004 में इलाहाबाद से पढ़ाई करने के बाद प्रवीण कुमार कंडवाल को सीधी भर्ती के जरिए सहायक अभियंता के पद पर टिहरी में नियुक्ति मिली थी। तब से लेकर अब तक वह यहीं तैनात था। खास बात यह है कि एई द्वारा ठेकेदार से मांगी गई रिश्वत कई हाथों में बंटनी थी। यही नहीं उसके घर से बरामद करीब नौ लाख रुपये भी रिश्वत के बताए गए हैं। विजिलेंस एसपी जुयाल ने पत्रकारों को बताया कि बरामद धन के बाबत वह कोई भी प्रमाण नहीं दिखा सका है। वहीं आरोपी ने मीडिया को बताया कि वह एक सप्ताह की छुट्टी बिताकर बीते बुधवार को ड्यूटी पर लौटा था। घर से बरामद धन के बाबत एई ने बताया कि यह सरकारी रुपये हैं।

सब लेते हैं, दुर्भाग्य से मैं पकड़ा गया...
आरोपी ने विजिलेंस को बताया कि हर काम के भुगतान के लिए रिश्वत ली जाती है। छोटे से लेकर बड़े अधिकारियों तक का प्रतिशत में कमीशन बंधा है। उसने बताया कि जूनियर इंजीनियर- 5, सहायक अभियंता-3, अधिशासी अभियंता-2 और कार्यालय के नाम पर-2 प्रतिशत कमीशन कुल ठेके की राशि का लिया जाता है। उसने बताया कि यह काम तो खुलेआम होता है और ठेकेदार देते भी हैं। ‘दुर्भाग्य है कि मैं पकड़ा गया’।

25 दिन में चार अफसर गिरफ्तार
25 दिनों में विजिलेंस ने चार राजपत्रित अधिकारियों को घूस लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है। विजिलेंस ने 31 अक्तूबर को रुद्र प्रयाग से सर्व शिक्षा अभियान के सहायक अभियंता सुशील चंद्र पांडे, 2 नवंबर को दून से ड्रग कंट्रोलर धर्म सिंह और 3 नवंबर को रुड़की से बाल विकास परियोजना अधिकारी मीना शाह को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

आरोपी के बैंक खाते
आईसीआईसी बैंक खाता संख्या-002390150149- लगभग दो लाख रुपये।
डाक खाना- खाता संख्या-44378750000- 75 हजार रुपये।
एसबीआई टिहरी- खाता संख्या-10840622975- एक लाख 88 हजार रुपये 
एसबीआई टिहरी- खाता संख्या 10840592121- तीन लाख 57 हजार 459 रुपये। 
जिला सहकारी बैंक, टिहरी -खाता संख्या 14968- एक लाख 54 हजार 57 रुपये।
एसबीआई दून-खाता संख्या-10901681163- एक लाख 124 रुपये।
एसबीआई, मुजफ्फरनगर- 10880493510 - लगभग 2 लाख रुपये।

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