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Friday, November 4, 2011

भ्रष्ट चेहरे बेनकाब!

रिकार्ड कीपर ओमप्रकाश घूस लेते गिरफ्तार
-स्त्रोत : प्रेस नोट .इन 22.१०.११   

सीबीआइ ने शुक्रवार को कानपुर में इम्प्लाइज स्टेट इंश्योरेंस कारपोरेशन (ईएसआइसी) के रिकार्ड कीपर ओमप्रकाश को हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। 
सीबीआइ शनिवार को रिकार्ड कीपर को विशेष अदालत में पेश करेगी। उल्लेखनीय है कि प्राइवेट कंपनियों का इंश्योरेंस, स्वास्थ्य सुविधा और पेंशन देयकों वाली संस्था ईएसआइसी के रिकार्ड कीपर ओमप्रकाश के खिलाफ गुरुवार को पनकी की एक निजी कंपनी में काम करने वाले राम रतन सिंह ने घूस मांगने की शिकायत दर्ज करायी थी। सीबीआइ की टीम शुक्रवार को सुबह कानपुर पहंुची और रामरतन सिंह से लिखित शिकायत ली। 
रामरतन ने आरोप लगाया कि उनकी अंगुली कट गयी थी, जिसका उन्होंने क्लेम किया था। क्षतिपूर्ति के भुगतान के लिए रिकार्ड कीपर ने उनसे हजार रुपये की मांग की है। सीबीआइ टीम रामरतन को लेकर इएसआइसी के कार्यालय पहंुची और जब रामरतन ने ओमप्रकाश को एक हजार रुपये घूस दिये, तभी उसे रंगे हाथ पकड़ लिया। ओमप्रकाश के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई के बाद टीम उसे लेकर लखनऊ आ गयी।-स्त्रोत : प्रेस नोट .इन 22.१०.११

आयकर अधिकारी केआर वर्मा को 50 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा
-स्त्रोत : प्रेस नोट .इन २०.१०.११
हनुमानगढ। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की हनुमानगढ़ चौकी की टीम ने बुधवार शाम को आयकर अधिकारी केआर वर्मा को पचास हजार रूपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा। वर्मा ने यह राशि होटल व्यवसायी से ली। एसीबी ने वर्मा की जेब से रिश्वत की राशि बरामद कर ली। उन्हें गुरूवार को बीकानेर स्थित सेशन न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण मामलात) में पेश किया जाएगा। 
एसीबी के उप अधीक्षक मोहम्मद अय्यूब खान के अनुसार होटल व्यवसायी अशोक नारंग ने आयकर अधिकारी वर्मा पर वित्तीय वर्ष 2008-09 की रिटर्न के निस्तारण के एवज में 50 हजार रूपए मांगने का आरोप लगाते हुए शिकायत की। सत्यापन में शिकायत सही पाई गई। वर्मा को आयकर कार्यालय में अशोक नारंग से 50 हजार रूपए लेते हुए पकड़ लिया गया। खान के अनुसार वर्मा को उनके कार्यालय से शाम करीब सात बजे रिश्वत लेते पकड़ा गया। उन्होंने नारंग से रूपए लेकर पैंट की जेब में डाल लिए। वर्मा के हाथ धुलवाए गए तो रंग आ गया। वर्मा इस वर्ष मई में बीकानेर से स्थानान्तरित हो कर यहां आए थे। 
जंक्शन स्थित होटल नारंग एण्ड रेस्टोरेंट के संचालक अशोक नारंग ने पत्रकारों के समक्ष आयकर विभाग के कई अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए। नारंग ने पत्रकारों को बताया कि वर्ष 2008-09 की विवरणिका स्कू्रटनिंग में आने पर उन्हें विभाग की तरफ से नोटिस जारी किया गया। उन्होंने सम्पूर्ण दस्तावेजों के साथ जवाब प्रस्तुत कर दिया, फिर भी कई अधिकारियों ने उन्हें प्रताडित किया। नारंग के अनुसार वर्मा ने उनसे मामले के निस्तारण के 50 हजार रूपए मांगे तथा नहीं देने पर ढाई लाख रूपए आयकर जमा करवाने की धमकी दी।-स्त्रोत : प्रेस नोट .इन २०.१०.११

आयकर निरीक्षक महेशकुमार ढाका रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार
-स्त्रोत : प्रेस नोट .इन २०.१०.११
उदयपुर । आयकर विभाग के निरीक्षक महेशकुमार ढाका को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने बुधवार को यहां 90 हजार रूपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। निरीक्षक ने यह राशि प्रॉपर्टी डीलर को टैक्स का भय दिखाकर 'वसूली' के रूप में ली थी। 
एएसपी राजेन्द्रप्रसाद गोयल ने बताया कि उपनिदेशक, अनुसंधान कार्यालय में तैनात नवलगढ़ (झुंझुनूं) हाल आयकर कॉलोनी निवासी महेश पुत्र हरफूल ढाका ने रिश्वत राशि समतानगर बेदला निवासी मुकेश सोनी से ली थी। बाद में आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया। 
पीडित मुकेश सोनी को निरीक्षक ढाका ने उसके विरूद्ध शिकायत होना बताकर कार्यालय बुलाया। पूछताछ कर उसने जमीन के बेचान संबंधी कागज मंगवाए। 
सोनी कागज, बैलेन्स सीट, आयकर फाइल व समस्त दस्तावेज लेकर वहां पहुंच गया। जांच के बाद निरीक्षक ने जबरन डिफॉल्टर बताते हुए सुलटारे के लिए पांच लाख की रिश्वत मांगी। सोनी ने मना किया तो फंसाने की धमकी दी। बाद में मध्यस्ता के लिए परिचित को भेजा तो ढाई लाख रूपए लेने को वह राजी हो गया। सोनी ने मंगलवार को ब्यूरो अधिकारियों को शिकायत कर दी।-स्त्रोत : प्रेस नोट .इन २०.१०.११

सहायक उप निरीक्षक शिवराज राव घूस लेते पकड़ा गया!
-स्त्रोत : पत्रिका, १३.१०.११
जयपुर। राजस्थान में भ्र्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने भीलवाडा के पुलिस थाना कोतवाली के सहायक उप निरीक्षक शिवराज राव को गुरवार को 5 हजार रूपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। 
ब्यूरो के महानिरीक्षक डीसी जैन ने बताया कि परिवादी जिनेश चौधरी ने ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनका भाई की बरतन की दुकान है तथा वह नितेश कटारिया से उधार लेन-देन का कार्य करता है। गत 10 अक्टूबर को उधार लेन-देन के संबंध में नितेश दुकान पर आया और गाली गलोच कर अपने आपको जख्मी कर पुलिस थाना कोतवाली में मामला दर्ज करवा दिया। इस मामलें के संबंध में वह जब शिवराज राव से मिला तो उसने पक्ष में कार्रवाई करने की एवज में पांच हजार रिश्वत की मांग की।
ब्यूरो द्वारा रिश्वत की मांग सही पाए जाने पर पुलिस कर्मियों ने अपना जाल बिछाया और परिवादी ने आज रिश्वत राशि पांच हजार रूपए कोतवाली परिसर भीलवाडा में शिवराज राव को दी तो उसी समय ब्यूरो टीम ने शिवराज को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।-स्त्रोत : पत्रिका, १३.१०.११ 


भारत में निर्माण ठेकों में सबसे ज्यादा घूसखोरी 
बर्लिन। भारत के रिश्वत सूचकांक में सुधार आया है। ट्रांसपेरेसी इंटरनेशनल की बुधवार को रिश्वतदाता सूचकांक की नई सूची जारी की। सूची के मुताबिक भारत ने वर्ष 2008 के मुकाबले अपनी स्थिति में 0.7 अंक का सुधार किया है। ट्रांसपेरेसी इंटरनेशनल ने 28 देशों का सूचकांक जारी किया है। इसे संबंधित देशों की फर्मो के अधिकारियों से रिश्वत से जुड़े पूछे गए सवालों के आधार पर तैयार किया है। 7.5 अंकों के आधार पर भारत का स्थान 19वां है। 
सबसे ज्यादा घूस सार्वजनिक निर्माण से जुड़े ठेकों में दी जाती है। विदेशों में रिश्वत देने के लिए रूस व चीन शीर्ष पर हैं। इनके अंक क्रमश: 6.1 व 6.5 हैं। नीदरलैंड ऎसा देश हैं, जहां घूसखोरी सबसे निम्नस्तर पर है। नीदरलैंड लंबे समय से पहले स्थान पर काबिज है। तुर्की, सऊदी अरब, अर्जेटीना, यूएई, इंडोनेशिया और मेक्सिको का स्थान भारत से नीचे है।-स्त्रोत : पत्रिका, 02.11.११ 

अधिक लाभ के लिए ज्यादा घूस देती हैं विदेशी कंपनियां
राम यादव
बॉन, जर्मनी, गुरूवार, 3 नवंबर २०११
भ्रष्टाचार विरोधी अंतरराष्ट्रीय संस्था ट्रान्सपैरेन्सी इंटरनैशनल हर वर्ष संसार के सबसे भ्रष्ट देशों का अनुक्रम बताने वाली भ्रष्टाचार विरोधी अंतरराष्ट्रीय संस्था ट्रान्सपैरेन्सी इंटरनेशनल हर वर्ष संसार के सबसे भ्रष्ट देशों का अनुक्रम बताने वाली सूची प्रकाशित करने के लिए प्रसिद्ध है। मानवाधिकार संस्था एम्नेस्टी इंटरनेशनल के ढर्रे पर बनी और जर्मनी की राजधानी बर्लिन में स्थित यह संस्था अब संसार की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं वाले ऐसे देशें की भी सूची प्रकाशित करने लगी है, जिनकी व्यावसायिक कंपनियाँ अपना काम पटाने के लिए अन्य देशों में घूस देने से संकोच नहीं करतीं।
ट्रान्सपैरेन्सी इंटरनेशनल ने बुधवार, 2 नवंबर को, विश्व अर्थव्यवस्था में अपना रोब-दाब रखने वाले ऐसे ही 28 देशो की एक नयी सूची प्रकाशित की है। भारत इस सूची में 19 वें नंबर पर है। यानी भारतीय कंपनियाँ किसी विदेशी पक्ष के साथ अपना सौदा पटाने या काम बनाने के लिए घूस देने वालों की पाँत में न सबसे आगे हैं और न सबसे पीछे, बल्कि बीच में हैं। 
तथाकथित घूसदाता सूचकांक (BIP-ब्राइब पेयर्स इंडेक्स) के आधार पर इस सूची को तैयार करने के लिए ट्रान्सपैरेन्सी इंटरनेशनल ने इस वर्ष 5 मई से लेकर 8 जुलाई के बीच 28 देशों के 3016 वरिष्ठ कंपनी अधिकारियों और प्रबंधकों से पूछताछ की। ट्रान्सपैरेन्सी के अनुसार, घूसदाता सूचकांक उस भ्रष्टाचार सूचकांक का अनुपूरक है, जो सार्वजनिक क्षेत्र में-- यानी सरकारी विभागों और राजनीतिज्ञों के बीच-- घूसख़ोरी की प्रवृत्ति को दिखाता है। घूसख़ोरी को दिखाने वाली भ्रष्टाचार सूची की तरह ही घूसदाता सूची में जो देश अपने कम अंकों के साथ जितना ही नीचे है, वहाँ की कंपनियों में विदेशों में घूस देने की प्रवृत्ति उतनी ही अधिक है।
इस सूची के अनुसार, क्रमशः नीदरलैंड (हॉलैंड, 8.8 अंक), स्विट्ज़रलैंड (8.8 अंक), बेल्जियम (8.7 अंक), जर्मनी (8.6 अंक) और जापान (8.6 अंक) की कंपनियाँ अपना काम पटाने के लिए विदेशों में घूस देने के प्रति सबसे कम तत्परता दिखाती हैं, जबकि इंडोनेशिया (7.1 अंक), मेक्सिको (7.0 अंक) , चीन (6.5 अंक) और रूस (6.1 अंक) की कंपनियाँ सबसे अधिक तत्पर रहती हैं। 7.7 अंकों के साथ ब्रज़ील 14 वें नंबर पर ठीक बीच में है। ताइवान, भारत और तुर्की के एक समान 7.5 अंक हैं और तीनों को 19 वाँ स्थान दिया गया है। इस सूची में ब्रिटेन 8वें, अमेरिका 10वें, और फ्रांस 11 वें नंबर पर है।
ट्रान्सपैरेन्सी इंटरनेशनल ने इस सूची के साथ के अपने विश्लेषण में कहा है कि विदेशों में घूस देने की प्रवृत्ति वहाँ के ''भ्रष्ट तंत्रों और उन के विशिष्ट (एलीट) वर्गों को मज़बूती प्रदान करती है। काले धन को सफ़ेद धन में बदलने से रोकने वाले क़ानून भ्रष्ट तरीकों से प्राप्त धन की 'धुलाई' की रोकथाम करने का मुख्य उपाय हैं. लेकिन, सभी वित्तीय केंद्रों में उन पर पूरी तरह अमल नहीं होता।'' स्वयं जर्मनी भी काले धन की धुलाई रोकने वाले मानदंडों पर पूरी तरह अमल नहीं करता, हालाँकि, ट्रान्सपैरेन्सी के अनुसार, आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (OECD) और यूरोपीय संघ की सरकार के समान यूरोपीय आयोग उससे कई बार कह चुका है कि उसे अपनी क़ानूनी कमियों को दूर करना चाहिये।
जानकारों का कहना है कि जर्मनी काले धन की धुलाई और विदेशों में घूस देकर काम बनाने के सारे रास्ते इसलिए भी रूँध नहीं देना चाहता, क्योंकि जर्मन उद्योग अपने निर्यातों द्वारा विश्व में सबसे अधिक कमाई करते हैं। बड़े-बड़े निर्यात ऑर्डर या निर्माण अनुबंध पाने के लिए उन्हें कई बार रिश्वत भी देनी पड़ती है। केवल चीन ऐसा देश है, जो संसार के निर्यात चैंपियन जर्मनी को अब टक्कर देने लगा है। और वहाँ के उद्योगों में, जैसाकि ट्रान्सपैरेन्सी का घूसदाता सूचकांक बताता है, विदेशियों को घूस देने की प्रवृत्ति इतनी अधिक है कि इस मामले में केवल रूसी उनसे आगे हैं।स्त्रोत : हिंदी.वेबदुनिया.कॉम ०३.११.११


भर गया पाप का घड़ा, लालच का शिकार बना लालची अधिकारी
मुंबई. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने अपनी अलग-अलग कार्रवाई में तीन सरकारी अधिकारयों को रंगेहाथ रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। इसमें सहायक बिक्री कर आयुक्त बी. टी. देशमुख भी शामिल हैं जिन्होंने अपने एक सहकर्मी के खिलाफ विभागीय जांच का आदेश न देने के बदले में एक लाख रुपए रिश्वत मांगी थी। पीड़ित ने इसकी शिकायत एसीबी अधिकारियों से की थी। 
एसीबी ने देशमुख को 50 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। दूसरी कार्रवाई में आरटीओ विभाग के प्रादेशिक सहायक अधिकारी एस. एस. मेश्राम को उस समय गिरफ्तार किया गया जब वे एक दलाल से दो हजार रुपए रिश्वत ले रहे थे। दरअसल एक आदमी ने बस व टैक्सी के विशेष नंबर की मांग को लेकर आवेदन किया था। विशेष नवंबर देने के बदले मेश्राम ने एक दलाल के मार्फत 6 हजार रुपए की मांग की थी। 
रिश्वत की पहली किश्त 2000 रुपए जब दलाल देने पहुंचा तो एसीबी ने मेश्राम को गिरफ्तार कर लिया। तीसरी कार्रवाई में एसीबी ने बाल विकास परियोजना अधिकारी सरस्वती बागुल को गिरफ्तार किया। वे अपने ठाणो कार्यालय में 2800 रुपए की रिश्वत ले रहे थे। 
बागुल ने आंगनवाड़ी योजना का बिल पास करने की एवज में 10 प्रतिशत कमीशन की मांग की थी। महिला मंडल ने कमीशन देने से इनकार कर दिया और एसीबी में बागुल के खिलाफ शिकायत की।-स्त्रोत : दैनिक भास्कर, ०४.११.११

रिश्वत के आरोप में 2 सरकारी कर्मचारी, आरटीओ एजेंट गिरफ्तार
महाराष्ट्र सरकार के दो वरिष्ठ अधिकारियों और एक आरटीओ एजेंट को कथित तौर पर रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस ने बताया कि रिश्वत के तीन मामलों में उपनगर अंधेरी में भी एक उपक्षेत्रीय अधिकारी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है.
एसीबी अधिकारियों ने बताया कि बिक्री कर विभाग में संयुक्त आयुक्त बालासाहेब देशमुख को 50,000 रुपया रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया. दूसरी घटना में बाल विकास परियोजना अधिकारी:श्रेणी एक: सरस्वती बागुल को 2,800 रुपया लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया.
आरटीओ एजेंट सैयद कासिम को एक कारोबारी से कथित तौर पर 2000 रुपया रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. कासिम ने स्वीकार किया कि उसने उपक्षेत्रीय अधिकारी पी मेशराम के लिए यह रकम ली, जिसके बाद मेशराम के खिलाफ भी मामला दर्ज कर लिया गया. स्त्रोत : समय लाइव.कॉम ०४.११.११

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